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इतिहास गवाह है युद्ध किसी समस्या का हल नहीं है , जिन बाजुओं में इतनी ताकत है की वो दिनोदिन आतंक का सामान उठाये सैकणों हज़ारों का खून कर सकती हैं तो क्यों ना ऐसी ताक़त को एक फौजी बन कर उसका सही इस्तेमाल किया जाए. अशोक को याद करिए जिसने युद्ध के बाद जब चारों तरफ खून ही खून देखा लोगो की करुण चीख पुकार सुनी औरतों और बच्चों को बिलखते देखा तो उसी समय उन्होंने कभी युद्ध ना करने का फैसला किया आप भी ऐसा मंजर हर एक आतंकवादी हमले के बाद देखते होंगे क्या कभी आपका हृदय ग्लानी से नहीं भरता, दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूर को देखिये जो पूरी दोपहरी पसीना बहाता है परन्तु वोह भी रात को चैन की नींद सोता है , क्या आपको ऐसा चैन नसीब हो पाता है , याद रखिये “घर में जो उजाला करता जग उसको दीपक कहता है , सारी दुनिया को जो उजाला देता जग उसको सूरज कहता है”, ईश्वर आपको सूरज बनने की शक्ति दे ना की किसी के घर का उजाला बुझाने की .
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