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देखो ओ दीवानों तुम ये काम न करो प्यार का नाम बदनाम न करो , किशोरावस्था से युवावस्था की ओर बढ़ते हुए कदम जब प्रेम की दहलीज़ पर पहुंचते हैं तो उस वक़्त अपने प्रिय की सभी बातें अच्छी लगती हैं , अगर बुराई है भी तो वो नज़रंदाज़ हो जाती हैं , यहाँ तक तो ठीक है, लेकिन बुराई आँखों से बिलकुल देखि ही ना जाए ये ग़लत है , प्यार हो परन्तु वो अंधा ना हो, पुरुष का प्रेम हो या स्त्री का अंधा प्रेम अंधे रास्ते पर ही छोड़ता है, आजकल धोखे दोनों तरफ से बराबर मिलते हैं और ऐसे लोग प्यार को बदनाम करते हैं , प्रेम भी इश्वर की कृपा है, सच्चा प्रेम हर किसी को नसीब नहीं होता यह भी शाश्वत सत्य है परन्तु धोखे के बाद ज़िन्दगी ख़त्म नहीं होती , इश्वर ने सबके जोड़े निर्धारित कर रखे हैं , प्रेम करिए तो निभाइए हर परिस्थितियों में एक दुसरे का संबल बनने की ताक़त रखिये,एक दुसरे को आर्थिक और भावनात्मक रूप से मज़बूत रखिये और सबसे बड़ी kabhi भी choti से choti baat को एक दुसरे से chipaa कर mat रखिये kyonki yahi से avishwaas और shak janam letaa है और प्यार की neev को hilaa कर rakh detaa है और rishte bikhar jaate है अगर itni ताक़त है तो प्यार करिए anyatha time paas के लिए प्यार karke प्यार को बदनाम mat करिए
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