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हत्याओं के विभिन्न स्वरुप हैं , जिसमे से सामाजिक दरिंदगी का घिनोना स्वरुप है honour killing और ऐसे लोग हत्या के बाद भी अकड़े रहते हैं हमने सही किया , इन लोगो के बीच में बस एक आतंकवादी बन्दूक ले कर घूम भर जाए to jin हाथों से ये बच्चों का क़त्ल कर डालते हैं उन हाथों की सारी ताक़त धरी की धरी रह जायेगी और घर के अन्दर दुबके इश्वर से जान की भीख मांगते नजर आयेंगे , और मैं नहीं मानती की इस तरह के माँ बाप अपने बच्चों से वास्तविक प्रेम करते हैं , जिनके औलाद नहीं होती वो ना जाने क्या क्या ईशवर से फ़रियाद करते हैं और जिनको ईशवर ने बगैर मांगे दिया होता है वो ऐसा कर्म करते हैं , ऐसी हत्याओं के लिए फांसी ही सजा है , मनुष्य से समझदार तो पक्षी हैं जो जानते हैं जिन्हें वो बड़े चाव से अन्न के daane khila rahe हैं एक din वो aakash में ud जायेंगे फिर भी वो अपना फर्ज पूरा करते हैं .
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