Menu
blogid : 1924 postid : 75

मैं शक्ति हूँ

2080mars
2080mars
  • 44 Posts
  • 50 Comments

मैं शक्ति हूँ , मुझसे ही यह जगत उत्पन्न हुआ है, मैं अन्नपुर्णा हूँ , जबसे मानव ने जनम लिया है मैं ही उसका भरण पोषण करती आयी हूँ , माँ बन कर जीवन का संचार किया है , पत्नी बन कर पुरुष के जीवन को संवारा है, बहन बन कर भाई के लिए मंगलकामनाये की है , बेटी के रूप में पिता का मान दिया है , मैं अबला नहीं हूँ , भगवान् शिव भी अर्धनारीश्वर कहलाते है शक्ति के बिना वो भी शव हैं , मैं पुरुष को संपूर्ण करती हूँ, जो ऐसा नहीं जानते वो अज्ञान , मद और वासना से पीड़ित हो कर मेरा दुरुपयोग करते हैं , पापी और हैवान बन कर मेरी इज्ज़त से खिलवाड़ करते हैं , और दिनोदिन अवनति को प्राप्त होते हैं . मुझे पहचानो , मैं नारी हूँ , मेरे बिना तो तुम इस दुनिया में ही नहीं आते , मैं सारे दुःख सहन कर जाती हूँ, तभी तो इतने पापियों का भार उठाये धरती माँ कहलाती हूँ, गंगा माँ के रूप में तुम्हारी प्यास को बुझाती हूँ ,और जब गंगाजल का स्पर्श करते हो, पापों से मुक्त कर देती हूँ, इसीलिए मैं क्षमादात्री हूँ , मृत्यु के समय गंगाजल की बूंदे जब अपने कंठ में लेते हो, मोक्ष प्रदान कर देती हूँ, इसलिए मोक्ष्दायीनी हूँ , नवरात्रि में कन्याएं ही तुम्हे आशीर्वाद दे कर तुम्हारे व्रत को सफल करती हैं, और जिस हवनकुंद में स्वाहा का उच्चारण कर आहुति देते हो वह स्वाहा भी मैं ही हूँ, इसलिए मैं वरदायीनी हूँ, मेरे अनेको रूप हैं, मेरे बिना तुम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते, मैं शक्ति हूँ, मैं नारी हूँ.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh