2080mars
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जब मैं छोटा बच्चा था , बड़ी शरारत करता था , क्या मस्त नवाब बन कर मैं घूमा करता था, माँ की गोद में सोता था, पापा की बाहों में झूला था, मेरी हर जिद्द पूरी हो जाती थी, मेरी ख़ुशी में माँ की ख़ुशी थी, पापा की डांट से दुबक कर माँ के आँचल में छिप जाता था, जब मैं छोटा बच्चा था, क्या खूब दिन थे बचपन के , मस्ती ही मस्ती रहती थी, हर दिन होली और हर रात दिवाली थी, अब तो मैं जवाँ हो गया सारी खुशियों से दूर हो गया, चिंता ही चिंता है सर पर, हे प्रभु क्यों मैं बड़ा हो गया, पहले पढाई की चिंता में डूबा था, अब कमाई की चिंता है, कमाई की चिंता से उबरा हूँ अब महंगाई की चिंता है, अब चिंताओं के साथ बूढा हो जाऊँगा , दाता एक दिन तुम्हारी दुनिया से भी उठ जाऊँगा , क्या ख़ाक जवानी दी तुमने, जीवन बोझिल कर दिया है तुमने, इससे बेहतर मैं पहले था जब मैं छोटा बच्चा था .
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