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प्रेम सुखद एहसास जरूर है परन्तु वो समर्पण भी ऐसा चाहता है जो हर किसी के दम की बात नहीं होती . जब हम किसी से बेइंतहा मुहब्बत कर बैठते हैं तो हमे उस समय उसकी बुराइयों में भी अच्छाइयां नज़र आती हैं . जब वही प्रेम विवाह के सुनहरे बंधन में बांध जाता है तब हमे एक दुसरे की कमियों का एहसास होने लगता है और हम उन छोटी छोटी कमियों को एक दुसरे के सामने बहस के माध्यम से सामने लाते हैं . नतीज़ा रिश्ते टूटे बिखरते रहते है और वही प्रेम अपनी ज़िन्दगी की सबसे बड़ी भूल लगने लगता है . रिश्ते संजो के रखे जा सकें और प्यार जीवंत पर्यंत बना रहे उसके लिए सबसे जरूरी है आपसी समझ. एक दुसरे को अगर अपनाया है तो उसकी अच्छाइयों के साथ उसकी बुराइयों को भी अपनाना पड़ेगा , तमाम ऐब नज़रंदाज़ करना पड़ेगा हालत सुख के हों या दुःख के एक दुसरे का सहारा खुद बनना पड़ेगा, क्योंकि वो प्यार ही क्या जो वक़्त के थपेड़ों के सामने लड़खड़ा जाए. आपका प्रेम एक आदर्श प्रेम हो महज आकर्षण न हो उसके लिए समर्पण जरूरी है. प्यार किया है तो ताउम्र निभाना होगा, प्रेम का यह त्यौहार तो साल में एक बार होता है आपको अपना हर दिन प्रेम में डुबोना होगा. मेरी तरफ से सच्चा प्यार करने वालों को valentine day की हार्दिक शुब्कामनाए.
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